श्री रामायण विसर्जन | Shri Ramayana Visarjan

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🙏 आरती संग्रह 🙏




॥ श्री रामायण विसर्जन | Shri Ramayana Visarjan ॥

श्री रामायण विसर्जन | Shri Ramayana Visarjan

॥ श्री रामायण विसर्जन ॥

जय जय राजा राम की,जय लक्ष्मण बलवान ।

जय कपीस सुग्रीव की, जय अंगद हनुमान ॥

जय जय कागभुशुण्डि की, जय गिरि उमा महेश ।

जय ऋषि भारद्वाज की,जय तुलसी अवधेश ॥

प्रभु सन कहियो दंडवत, तुमहि कहौ कर जोर ।

बार-बार रघुनाथ कहि सुरति करावहु मोर ॥

कामहि नारि पियार जिमि,लोभिहि प्रिय जिमि दाम ।

तिमि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम ॥

बार-बार वर मागहु हर्ष देहु श्री रंग ।

पद सरोज अन पयनी भगति सदा सतसंग ॥

प्रणत पाल रहगुवंश मणि करुणा सिंधु खरारि ।

गये शरण प्रभु राखिहैं सब अपराध बिसार ॥

कथा विसर्जन होत हैं सुनो वीर हनुमान ।

जो जन जहाँ से आये हैं ते तः करो पयान ॥

श्रोता सब आश्रम गए शम्भु गए कैलाश ।

रामायण मम हिर्दय में सदा करो तुम वास ॥

रामायण जसु पावन गावहि सुनहि जे लोग ।

राम भगति दृढ पावहि विन विराग जप जोग ॥

रामायण बैकुण्ठ गई सुर गए निज निज धाम ।

रामचंद्र के पद कमल बंदि गये हनुमान ॥

॥ सियावर रामचंद्र की जय ॥

॥ उमा पति महादेव जी की जय ॥

॥ पवनसुत हनुमानजी की जय ॥

॥ गोस्वामी तुलसीदास जी की जय ॥

॥ सियावर रामचंद्र जी की जय ॥

॥ बोलो भाई सब संतो की जय ॥

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